Saturday 9 June, 2007

काश कि मै...














काश कि मै बादल होता,

वर्षा करता खेतों में...


काश कि मै पेड़ होता,

छायां करता धूप में...


काश कि मै जल होता,

प्यास बुझाता गर्मी में...


काश कि मै हवा होता,

घुल-मिल जाता सांसो में...


काश कि मै फ़ूल होता,

महक जाता जीवन में...

अक्षय चोटिया



मेरा परिचय
















मेरा नाम अक्षय है,,और आप सब की तरह मै भी कवि बनना चाहता हूँ और आप सब की कविताएँ पढ़ाना चाहता हूँ।

मुझे एक कविता बेहद पसंद है,जो मेरी माँ मुझे सुनाती है...जिसने मुझे लिखने की प्रेरणा दी है...उसकी कुछ पक्तिंयाँ इस प्रकार से है...

लहरो से डर कर नौका पार नही होती,
कोशिश करने वालो की हार नही होती।

अक्षय....